भूमिका:
भोजपुरी संगीत सदियों से एह संस्कृति के अभिन्न हिस्सा रहल बा। पारंपरिक रूप से ई संगीत लोकगीत, भजन, सोहर, बिरहा, चैता, कजरी आ फगुआ जइसन विधा में गावल जात रहल बा। लेकिन समय के साथ-साथ आधुनिकता के असर भोजपुरिया संगीत पर भी पड़ल बा। टेक्नोलॉजी, ग्लोबलाइजेशन, डिजिटल मीडिया आ बदलत संगीत प्रवृत्ति के असर से भोजपुरी संगीत में कई बदलाव आइल बा। एह लेख में हम आधुनिकता के भोजपुरी संगीत पर पड़त प्रभाव के विस्तार से चर्चा करब।
१. पारंपरिक संगीत से फिल्मी आ स्टेज शो तक के सफर
पहिले भोजपुरी संगीत मुख्य रूप से ग्रामीण परिवेश में गावल जात रहल। लोकगीत लोग आपस में गावेले, तीज-त्योहार, शादी-ब्याह आ धार्मिक अवसर पर विशेष गीतन के परंपरा रहल। लेकिन १९६० के दशक में भोजपुरी सिनेमा के आगमन से भोजपुरिया संगीत के नया मंच मिलल। फिल्मन में पारंपरिक संगीत के संग आधुनिक वाद्ययंत्रन के मेल होखे लागल। आज भोजपुरी फिल्म संगीत एक अलग पहचान बना चुकल बा, जेकरा में आधुनिकता के छाप साफ देखे के मिले ला।
२. डिजिटल प्लेटफार्म आ इंटरनेट क्रांति
पहिले भोजपुरिया संगीत मुख्य रूप से रेडियो, कैसेट आ सीडी के माध्यम से सुने के मिले ला। लेकिन अब डिजिटल प्लेटफार्म (YouTube, Spotify, Gaana, JioSaavn) के माध्यम से भोजपुरिया गीतन के ग्लोबल पहुंच बढ़ गइल बा। अब भोजपुरी गायक लोग बिना किसी म्यूजिक लेबल के सहारे सीधा ऑनलाइन प्लेटफार्म पर आपन गाना रिलीज कर सकेला। ई आधुनिकता भोजपुरी संगीत के बड़ा स्तर पर फैलावे में मदद कइले बा।
३. इलेक्ट्रॉनिक वाद्ययंत्रन के उपयोग आ मेलोडी के बदलाव
पहिले भोजपुरिया संगीत में ढोलक, हारमोनियम, मंजीरा, नाल आ बांसुरी जइसन पारंपरिक वाद्ययंत्रन के खास भूमिका रहल। लेकिन अब आधुनिक संगीत में इलेक्ट्रॉनिक गिटार, ड्रम, कीबोर्ड आ डीजे साउंड के बढ़त उपयोग से संगीत के धुन काफी बदल गइल बा। पहिले के लोकगीतन में मिठास आ सरलता रहल, जबकि अब धुन ज्यादा फास्ट, बीट-बेस्ड आ डिजिटल इफेक्ट से भरल रहे ला।
४. अश्लीलता के बढ़त प्रभाव
आधुनिकीकरण के एगो नकारात्मक प्रभाव भोजपुरिया संगीत में अश्लीलता के बढ़त चलन ह। पहले के लोकगीतन में समाजिक आ सांस्कृतिक भावनन के सुंदर प्रस्तुति होला, लेकिन आज के समय में भोजपुरिया संगीत में द्विअर्थी शब्द, फूहड़ता आ उत्तेजक डांस वीडियो ज्यादा देखे के मिले ला। हालांकि, एकरा के रोक के पारंपरिक भोजपुरिया संगीत के पुनर्जीवित करे के जरूरत बा।
५. रैप आ फ्यूजन संगीत के प्रवेश
आज भोजपुरी संगीत में नया प्रयोग हो रहल बा। रैप संगीत जवन पहले अंग्रेजी आ हिंदी म्यूजिक तक सीमित रहल, अब भोजपुरी में भी देखे के मिले ला। कई युवा कलाकार अब भोजपुरी भाषा में रैप गाना गावत बाड़े, जे भोजपुरिया युवा पीढ़ी में बहुत लोकप्रिय हो रहल बा। साथ ही, भोजपुरी फोक म्यूजिक के बॉलीवुड, पंजाबी आ वेस्टर्न म्यूजिक के संग मिक्स क के फ्यूजन म्यूजिक तैयार कइल जा रहल बा।
६. लाइव शो आ स्टेज परफॉर्मेंस के बढ़त चलन
पहिले भोजपुरिया संगीत मुख्य रूप से लोकगायन आ पारंपरिक कार्यक्रमन तक सीमित रहल, लेकिन अब लाइव स्टेज शो, कंसर्ट आ इवेंट्स के माध्यम से भोजपुरी गायक लोग इंटरनेशनल लेवल तक पहुँच रहल बा। खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, निरहुआ, अंकुश राजा जइसन कलाकार अब स्टेज शो के माध्यम से विदेशों में भी भोजपुरी संगीत के प्रचार-प्रसार कर रहल बा।
७. पारंपरिक संगीत के पुनरुत्थान – एक सकारात्मक पहल
हालांकि, आधुनिकता के असर से पारंपरिक भोजपुरी संगीत कुछ हद तक प्रभावित भइल बा, लेकिन अब कई संगीतकार आ युवा कलाकार लोकगीतन के पुनर्जीवित करे में लागल बाड़े। कई गायक आ संगीतकार अब शुद्ध भोजपुरी गीतन के डिजिटल प्लेटफार्म पर डाल के पुरान संस्कृति के बढ़ावा दे रहल बाड़े।
निष्कर्ष:
आधुनिकीकरण से भोजपुरिया संगीत में बड़ा बदलाव आइल बा। टेक्नोलॉजी, डिजिटल मीडिया, फिल्म आ वेस्टर्न म्यूजिक के प्रभाव से संगीत के रूप-रंग बदल गइल बा। कुछ सकारात्मक बदलाव भइल बा, जइसे भोजपुरी संगीत के ग्लोबल पहचान, डिजिटल प्लेटफार्म पर पहुंच आ लाइव स्टेज शो के बढ़त चलन। लेकिन अश्लीलता आ फूहड़ता जइसन चुनौतियन के समाधान जरूरी बा। अगर पारंपरिक आ आधुनिक संगीत के संतुलन बना के रखल जाई, त भोजपुरिया संगीत के स्वर्णिम भविष्य निश्चित बा।
लेखक: एक भोजपुरी संस्कृति प्रेमी
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