बेटी के सहाना: मड़वा के बांस धइले
- स्वर: चेतना सिंह
- गीतकार: अज्ञात
- रिकॉर्ड लेबल: आपन गीत
लिरिक्रस
मड़वा के बाँस धइले रोवेलें कवन पापा,
मड़वा के बाँस धइले रोवेलें कवन चाचा।
काहे पापा रोइलें आछो धार हे !
पापा जी रोइलें आछो धार हे ।।
पापा के चरणीया धइले बेटी जे रोवेली ।
पापा के चरणीया धइले बेटी जे रोवेली ।।
काहे पापा रोयिले आछो धार हे ।
काहे पापा रोयिले आछो धार हे ।।
छोटहीं से ऐ बेटी तोहरा के पोषनी।
छोटहीं से ऐ बेटी तोहरा के पोषनी।।
अब बेटी भईलू सेयान हे !
अब बेटी भईलू सेयान हे !
के ये तोहरो ऐ बेटी हथवा पकड़ी हे।
के ये तोहरो ऐ बेटी हथवा पकड़ी हे।।
केइये करिहे पतिरपाल हे ।
केइये करिहे पतिरपाल हे ।।
चौका बईठल दूल्हा मने मुस्कइलें।
चौका बईठल दूल्हा मने मुस्कइलें।।
काहे ससुर जी रोयिले आछो धार हे ।
काहे ससुर जी रोयिले आछो धार हे ।।
हमहीं त ए ससुर जी हथवा पकड़ब ।
हमहीं त ए ससुर जी हथवा पकड़ब ।।
हमहीं करब पतिरपाल हे !
हमहीं करब पतिरपाल हे !
जन रोई रउरा आछो धार हे !
जन रोई रउरा आछो धार हे !
जन रोई रउरा आछो धार हे !