कन्यादान गीत: अरे ! रोवेलें जनक हो पापा
- स्वर: चेतना सिंह
- गीतकार: अज्ञात
- रिकॉर्ड लेबल: आपन गीत
लिरिक्स
अरे ! रोवेलें जनक हो पापा,
धुनेलें हो कपरवा।
अरे ! केकरा हाथे सौपीं ए पंचे,
सुन्दर अइसन आपन धियवा।
अरे ! केकरा हाथे सौपीं ए पंचे,
सुन्दर अइसन आपन धियवा।
अरे ! हँसेलें रामचंदर ए दूल्हा,
मुखे खाले हो पानवा।
अरे ! हमरा हाथे सौपीं ए ससुरजी,
सुन्दर अइसन आपन धियवा।
अरे ! हमरा हाथे सौपीं ए ससुरजी,
सुन्दर अइसन आपन धियवा।
अरे ! काइये ले खियइब हो बबुआ,
काइ ले पियइब।
अरे ! काइये ले खियइब हो बबुआ,
काइ ले हो पियइब।
अरे ! कवना ठैया सुतईबा हो बबुआ,
सुन्दर अइसन हमार धियवा।
अरे ! खोववे खियइब ए ससुरजी,
दूधवा हो पियइब।
अरे ! खोववे खियइब ए ससुरजी,
दूधवा हो पियइब।
अरे ! बेली छन सुतईब ए ससुरजी,
सुन्दर अइसन राउर धियवा।
अरे ! बेली छन सुतईब ए ससुरजी,
सुन्दर अइसन राउर धियवा।