द्वार लगाई गीत: रोये लगली काने लगली
- स्वर: चेतना सिंह
- गीतकार: अज्ञात
- रिकॉर्ड लेबल: आपन गीत
जब बरियतिया दुअरवा बीचे अइलें,
रोये लगली काने लगली,
बेटी हो सिया जानकी बेटी !
रोये लगली काने लगली,
बेटी हो सिया जानकी बेटी !
कवन हउवें ससूर जी हमार हो – 2
रोये लगली काने लगली,
बेटी हो सिया जानकी बेटी !
कवन हउवें भसूर जी हमार हो,
कवन हउवें देवर जी हमार हो।
आवे देहु बेटी दुअरवा बीच बरतिया,
ससूर जी के देबव चिन्हाइ हो,
भसूर जी के देबव चिन्हाइ हो।
रोये लगली काने लगली,
बेटी हो सिया जानकी बेटी !
कवन हउवें देवर जी हमार हो।
कवन हउवें स्वामी जी हमार हो – 2
चुप होख चुप होख बेटी हो सिया जानकी बेटी,
देवर जी के देबव चिन्हाइ हो – 2
स्वामी जी के देबव चिन्हाइ हो – 2
जिनका ही माथे बेटी बाड़े रे पगड़िया,
उहे हउवें ससूर जी तोहार हो – 2
जिनका ही देहे बेटी लाली शोभे सुटवा,
उहे हउवें भसूर जी तोहार हो – 2
जिनका ही मुखे बेटी लाली शोभे पानवा – 2
उहे हउवें देवर जी तोहार हो – 2
जिनका ही हाथे बेटी अवध सिन्होरवा – 2
उहे हउवें स्वामी जी तोहार हो – 3