शिव गीत: नारद मुनिजी के का ले बिगरनी
- स्वर: चेतना सिंह
- गीतकार: अज्ञात
- रिकॉर्ड लेबल: आपन गीत
लिरिक्रस
नारद मुनिजी के का ले बिगरनी,
वर वा खोजिलें बौराह, गे माई !
नारद मुनिजी के का ले बिगरनी,
वर वा खोजिलें बौराह, गे माई !
परिछन बहोरन भइली सासू मदागिनी,
सर्प छोरेला फुँफकार, गे माई !
परिछन बहोरन भइली सासू मदागिनी,
सर्प छोरेला फुँफकार, गे माई !
अतना वचन जब सुनेली मदागिनी,
ठोक दिहली बजर केवाड़, गे माई !
धिया लेले डूबब, धिया लेले उगब,
धिया लेले खिलब पाताल, गे माई !
धिया लेले खिलब पाताल, गे माई !
अइसन बउरहवा शिव से गौरा ना बियाहबs
मोरो गौरा रहिहें कुँआर, गे माई !
मोरो गौरा रहिहें कुँआर!
अतना वचन जब सुनेली गौरा देई !
शिव जी से अरज हमार,
तानिये सा ए शिव जी भेषवा बदलतीं,
नइहर के लोग पतियास।
तानिये सा ए शिव जी भेषवा बदलतीं,
नइहर के लोग पतियास।
गंगवा नहइलें शिव जी, भभूति उतारलें,
गंगा पइसी कइलें स्नान, गे माई !
गंगा पइसी कइलें स्नान, गे माई !
परिछन बहोरन होखs सासू मदागिनी,
अब रूप देखs ना हमार, गे माई !
परिछन बहोरन होखs सासू मदागिनी,
अब रूप देखs ना हमार, गे माई !
मोहनी मुरतिया मोहनी सुरतिया,
अब रूप देखs ना हमार, गे माई !
मोहनी मुरतिया मोहनी सुरतिया,
अब रूप देखs ना हमार, गे माई !
अब रूप देखs ना हमार।