रविवार, अप्रैल 13, 2025
आपन गीत – भोजपुरी लोकसंस्कृति की मिठास

🪔 आपन गीत – भोजपुरी लोकसंस्कृति की मिठास

“आपन गीत” एक सांस्कृतिक पहल है, जो हमारी मिट्टी से जुड़ी परंपराओं और लोकगीतों को संरक्षित करने और नई पीढ़ी तक पहुँचाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। यह मंच विशेष रूप से बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश की महिलाओं द्वारा गाए जाने वाले पारंपरिक लोकगीतों को समर्पित है, जो छठ पूजा, विवाह, मुंडन, अन्नप्राशन और अन्य सामाजिक-धार्मिक अवसरों पर गाए जाते रहे हैं।

🌾 हमारा उद्देश्य:

आज के डिजिटल युग में जहाँ नई धुनें और आधुनिक संगीत तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं, वहीं हमारी सांस्कृतिक विरासत – खासकर पारंपरिक लोकगीत – धीरे-धीरे विलुप्ति की ओर बढ़ रही है। “आपन गीत” का उद्देश्य है कि इन अमूल्य गीतों को एक संगठित और सुलभ रूप में संजोकर प्रस्तुत किया जाए, ताकि हर व्यक्ति, खासकर युवा पीढ़ी, अपने सांस्कृतिक मूल से जुड़ सके।

🎶 भोजपुरी लोकगीतों की विशेषता:

भोजपुरी लोकगीत केवल मनोरंजन का साधन नहीं हैं, बल्कि वे जीवन के हर महत्वपूर्ण पड़ाव को सुंदर शब्दों और सुरों में पिरोते हैं। चाहे वह बेटी की विदाई हो, नवजात शिशु का स्वागत, या खेतों में काम करते समय गाए जाने वाले गीत – हर भाव को भोजपुरिया लोकसंगीत गहराई से व्यक्त करता है।

🌍 एक मंच, अनेक धुनें:

  • पारंपरिक सोहर, कजरी, झूमर, चैता और फगुआ जैसे गीतों का संग्रह
  • त्योहारों और विवाह के विशेष गीत
  • नए कलेवर में प्रस्तुत लोकगीत, जो पुरानी भावनाओं को आधुनिक प्रस्तुति में बाँधते हैं
  • वीडियो, लेख और ऑडियो क्लिप्स, जो संस्कृति को जीवंत बनाए रखते हैं

🙏 हमारी अपील:

हम चाहेंगे कि आप भी इस सांस्कृतिक यात्रा का हिस्सा बनें – इन गीतों को सुने, साझा करें और गर्व से कहें:
“ई हमार संस्कृति ह, ई हमार आपन गीत ह!”