शुक्रवार, अप्रैल 18, 2025

लेहु ना जनक पापा

द्वार लगाई गीत: लेहु ना जनक पापा

  • स्वर: चेतना सिंह
  • गीतकार: अज्ञात
  • रिकॉर्ड लेबल: आपन गीत

लिरिक्स

लेहु ना जनक पापा धोतिया,
हाथे पान के बीरा।
लेहु ना जनक पापा धोतिया,
हाथे पान के बीरा।
कर ना समधिया से विनती,
सिर आजु नवायो।
कर ना समधिया से विनती,
सिर आजु नवायो।
इ सिर कबहीं ना नवलें,
से हो बेटी नवायो।
इ सिर कबहीं ना नवलें,
से हो बेटी नवायो।
बेटी हो सिया जानकी बेटी,
कारण सिर आजु नवायो।
बेटी हो सिया जानकी बेटी,
कारण सिर आजु नवायो।
लेहु ना कवन भइया धोतिया,
हाथे पान के बीरा।
कर ना बहनोइया से विनती,
सिर आजु नवायो।
कर ना बहनोइया से विनती,
सिर आजु नवायो।
इ सिर कबहीं ना नवलें,
से हो दीदी नवायो।
इ सिर कबहीं ना नवलें,
से हो दीदी नवायो।
दीदी हो सिया जानकी दीदी,
कारण सिर आजु नवायो।
दीदी हो सिया जानकी दीदी,
कारण सिर आजु नवायो।

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