शुक्रवार, अप्रैल 11, 2025

खेलत में रहली जगदम्बा मइया

देवी गीत: खेलत में रहली जगदम्बा मइया

  • स्वर: चेतना सिंह
  • गीतकार: अज्ञात
  • रिकॉर्ड लेबल: आपन गीत

लिरिक्रस

खेलत में रहली जगदम्बा मइया,
सिपुलि मउनिया हो।
ए मइया हो !
आई गइलें अचकल नियार नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
खेलत में रहली शीतला मइया,
सिपुलि मउनिया हो।
ए मइया हो !
आ गइलें अचकल नियार नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए मइया हो !
आ गइलें अचकल नियार नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
लाली लाली डोलिया के सबुजी ओहरवा हो,
ए मइया हो !
सबुजी ओहरवा हो,
ए मइया हो !
लागि गइलें बत्तीसों कहार नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए मइया हो !
लागि गइलें बत्तीसों कहार नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
एक कोश गइली जगदम्बा मइया,
दुइ कोश गइली हो।
आहे एक कोश गइली शीतला मइया,
दुइ कोश गइली हो।
ए मइया हो !
लागि गइलें बत्तीसों कहार नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए मइया हो !
लागि गइलें बत्तीसों कहार नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए मइया हो !
लागि गइलें मधुरी पियास नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए मइया हो !
लागि गइलें मधुरी पियास नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
गोर तोरा परिलें अगिला कहरवा हो,
आहे अगिला कहरवा हो।
ए भइया हो !
रंचिये का डोलिया बिलमाव नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए भइया हो !
रंचिये का डोलिया बिलमाव नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
एक छाक पियली जगदम्बा मइया,
दुइ छाक पियली हो।
ए मइया हो !
तीसर छाक खिलेली पताल नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए मइया हो !
तीसर छाक खिलेली पताल नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
एक छाक पियली शीतला मइया,
दुइ छाक पियली हो।
ए मइया हो !
तीसर छाक खिलेली पताल नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।
ए मइया हो !
तीसर छाक खिलेली पताल नइहरवा,
मइया लेंखा दुलम भइलें हो।

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